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CTC का जादू: कमाई का नया मंत्र समझें!

नौकरी की तलाश में घूम रहे किसी भी शख्स को ये मंजर तो जरूर ही सामना करना पड़ता है – आलीशान ऑफिस, चंचल बातें, और फिर वो सवाल जो सीने में धक-धक मचा देता है, “आपकी सैलरी एक्सपेक्टेशन क्या है?” आंकड़े दिमाग में घूमने लगते हैं, तुलना उभरती हैं, और अचानक ये सवाल एक रहस्यमय पहेली बन जाता है। ये पहेली ही है “CTC” (Cost to Company) की!

इस ब्लॉग पोस्ट में, हम CTC वार्ता के प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा करेंगे, जिससे आप अपनी कमाई बढ़ाने के लिए तैयार हो सकेंगे।

CTC का जादू:

Cost to Company: कंपनी का सालाना खर्च, जिसमें बेसिक सैलरी के अलावा अन्य भत्ते भी शामिल होते हैं।

CTC के प्रमुख तत्व:

  1. बेसिक सैलरी: ये आपके मासिक सैलरी का सबसे बड़ा हिस्सा है। ये आपकी योग्यता और अनुभव का सीधा प्रतिबिंब है।
  2. हाउसिंग अलाउंस: बड़े शहरों में रहना महंगा है, इसलिए कंपनियां कर्मचारियों को एचआरए देती हैं।
  3. मेडिकल इंश्योरेंस: कंपनी आपके स्वास्थ्य बीमा का भुगतान करती है, बीमारी में सुरक्षा देती है।
  4. प्रोविडेंट फंड: ये एक रिटायरमेंट फंड है, जिसमें हर महीने आपकी और कंपनी की ओर से योगदान होता है। ये सुनिश्चित करता है कि आपकी रिटायरमेंट के बाद एक सुरक्षित जीवन हो।
  5. ग्रैच्युटी: लम्बे समय तक कंपनी के साथ जुड़े रहने पर ग्रैच्युटी मिलता है। ये आपकी वफादारी का सम्मान है।
  6. परफॉर्मेंस बोनस: कंपनी के लिए मूल्यवान प्रदर्शन पर अतिरिक्त भुगतान।

अन्य भत्ते: कुछ कंपनियां लंच अलाउंस, मोबाइल बिल रिम्बर्समेंट, ट्रांसपोर्ट रिम्बर्समेंट, बच्चों की शिक्षा के लिए अलाउंस आदि भी प्रदान करती हैं।

CTC और इन हैंड सैलरी में अंतर: तुलना तालिका

CTC (कंपनी की लागत)इनहैंड सैलरी
कंपनी द्वारा दिया जाने वाला कुल वेतन पैकेजआवश्यक कटौती के बाद कर्मचारियों को मिलने वाली राशि
कर्मचारियों की सेवाओं के बदले कंपनी द्वारा देने को तैयार वेतनकर्मचारी अपने घर ले जाता है या कर्मचारी के बैंक खाते में जमा की जाने वाली राशि
कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभों और बचत योगदानों का योगटैक्स और कंपनी नीति कटौती को घटाकर गणना की जाती है
इसमें बेसिक सैलरी , LTA, HRA, महंगाई भत्ता, बोनस, जीवन बीमा, फूड कूपन, भविष्य निधि, ग्रेच्युटी आदि शामिल हैं।इसमें ग्रॉस सैलरी में से टी.डी.एस., प्रोफेशनल टैक्स, भविष्य निधि, बीमा प्रीमियम और अन्य अधिकृत कटौतियां शामिल हैं।
जॉब ऑफर मिलने पर आप अपने नियोक्ता के साथ CTC पर बातचीत कर सकते हैं।बड़े कर कटौती से बचने के लिए उचित टैक्स प्लांनिंग के साथ आप अपने इन-हैंड वेतन को बढ़ा या बेहतर प्रबंधित कर सकते हैं।
आप अपने CTC के आधार पर वार्षिक वृद्धि और मूल्यांकन प्राप्त करते हैं।इन-हैंड सैलरी वार्षिक वृद्धि और मूल्यांकन के कारण बदल सकता है।

सैलरी की गणना कैसे करें

एक प्रोफेशनल के रूप में, आपको अपने सैलरी पैकेज के विभिन्न घटकों की गणना करना जानना चाहिए।

CTC की गणना कैसे करें?

यहां, आप CTC या कंपनी की लागत की गणना कर सकते हैं:

कंपनी की लागत (CTC) = प्रत्यक्ष लाभ + अप्रत्यक्ष लाभ + बचत योगदान

प्रत्यक्ष लाभ:

  • इसमें बेसिक सैलरी, एचआरए, डीए, एलटीए, वाहन और मोबाइल भत्ता शामिल हैं।

अप्रत्यक्ष लाभ:

  • इसमें आवास किराया, आयकर बचत, ब्याज मुक्त ऋण और जीवन और चिकित्सा बीमा शामिल हैं।

बचत योगदान:

  • इसमें ग्रेच्युटी, कर्मचारी भविष्य निधि और सुपरएनुएशन लाभ शामिल हैं।

इनहैंड सैलरी की गणना कैसे करें?

इन-हैंड सैलरी आपकी टेक-होम राशि है, जो आपको वास्तव में मिलती है। इसकी गणना इस प्रकार की जा सकती है:

इन-हैंड सैलरी = ग्रॉस सैलरी – कुल कटौती

  • ग्रॉस सैलरी: इसमें बेसिक सैलरी, एचआरए, डीए, और एलटीए का एक हिस्सा शामिल है।
  • कुल कटौती: इसमें आयकर, पेशेवर कर, भविष्य निधि योगदान और कंपनी नीति के अनुसार अन्य कटौती शामिल हो सकती हैं।

आज के युग में CTC का महत्व:

आज का दौर प्रतिभा का है, जहां कंपनियों के लिए योग्य लोगों को आकर्षित करना और उन्हें बनाए रखना किसी युद्ध से कम नहीं है। CTC इस युद्ध का एक शक्तिशाली हथियार है, जिसका इस्तेमाल कंपनियां कर्मचारियों को लुभाने और उन्हें खुश रखने के लिए करती हैं।

एक आकर्षक CTC पैकेज सुरक्षा, मूल्य और विकास का प्रतीक है। यह कर्मचारी को प्रेरित करता है।

इसके अलावा, एक अच्छी तरह से बनाया गया CTC पैकेज कर्मचारियों के टैक्स बचाने में भी मदद करता है, जिससे उनकी जेब में थोड़ा ज्यादा रह जाता है ,तो, CTC सिर्फ एक नंबर नहीं, बल्कि आपके कमाई का एक मंत्र है!

CTC वार्ता के प्रमुख बिंदु


CTC वार्ता के दौरान चर्चा किए जाने वाले बिंदु नौकरी की स्थिति और वेतन वृद्धि पर निर्भर करते हैं।

नए पद के लिए:

  1. बेसिक सैलरी: यह आपके पैकेज का मूलभूत हिस्सा है। अपने अनुभव, कौशल और उद्योग मानकों के आधार पर लक्ष्य निर्धारित करें। प्रारंभिक पेशकश पर चर्चा करें, लेकिन लक्ष्य से नीचे न जाएं
  2. भत्ते और भत्ते: इनमें आवास भत्ता, परिवहन भत्ता, चिकित्सा बीमा, भविष्य निधि योगदान आदि शामिल हो सकते हैं। समझें कि कंपनी क्या ऑफर कर रही है और क्या संशोधित किया जा सकता है।
  3. ज्वाइनिंग बोनस: कुछ कंपनियां ज्वाइनिंग बोनस देती हैं। इसके बारे में पूछें और अगर दिया जा रहा है, तो राशि पर बातचीत करें।
  4. स्टॉक विकल्प: यदि कंपनी स्टॉक विकल्प प्रदान करती है, तो उनके मूल्य और निहित अवधि को समझें।
  5. अन्य लाभ: अन्य लाभों पर चर्चा करें, जैसे प्रमोशन, सीखने और विकास, और कार्य-जीवन संतुलन।

मौजूदा भूमिका के लिए:

  1. प्रदर्शन समीक्षा: अपनी प्रदर्शन समीक्षा पर चर्चा करें और हाइलाइट करें कि आपने कंपनी के लिए मूल्य कैसे जोड़ा है। इससे आपको मजबूत आधार मिलता है।
  2. बाजार मूल्य तुलना: शोध करें और समझें कि बाजार में क्या भुगतान किया जा रहा है। अपने अनुभव और कौशल के आधार पर उचित वेतन का अनुमान लगाएं।
  3. कंपनी का प्रदर्शन: कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन और वेतन बजट वार्ता को प्रभावित कर सकता है। समझें कि कंपनी कैसे कर रही है और इसका इस्तेमाल अपनी बातचीत को मजबूत करने के लिए करें।
  4. सैलरी वृद्धि % बनाम फिक्स्ड राशि: तय करें कि आप % वेतन वृद्धि या एकमुश्त राशि पसंद करते हैं। दोनों के फायदे और नुकसान हैं।

सामान्य युक्तियाँ:

  1. अपना रिसर्च करें: जानें कि आपके अनुभव और कौशल के लिए उद्योग में क्या भुगतान किया जा रहा है।
  2. स्पष्ट और संक्षिप्त रहें: आप क्या चाहते हैं यह स्पष्ट रूप से बताएं और क्यों।
  3. सकारात्मक रहें: पेशेवर और सम्मानजनक रहें, भले ही बातचीत कठिन हो।

निष्कर्ष:

इस लेख को पढ़कर, आप CTC वार्ता के गुर सीख लेंगे और अपनी कमाई बढ़ाने के लिए तैयार हो जाएंगे! अपनी CTC वार्ता को सफल बनाने के लिए तैयारी और स्पष्ट संचार महत्वपूर्ण है। इस ब्लॉग पोस्ट में हमने CTC के बारे में कुछ बातें  सीखी हैं। उम्मीद है, ये बिंदु आपको चर्चा के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करेगा.

अधिक जानकारी के लिए पर हमारे पेज www.9to6job.com को फॉलो करें।

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